न कहना ख़ुदा भी नहीं रहा अब तो
सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ******************************************************************** ख़ुशी का कोई सिला भी नहीं रहा अब तो। यहाँ ग़मों का पता भी नहीं रहा अब तो। ख़ता हुई तो मुझे उसने ये सज़ा दी है, किया मुआफ़ ख़फा भी नहीं रहा अब तो। जो अश्क़ का था समंदर उदास आँखों में, हुआ न ख़ुश्क भरा … Read more