सत्य की राह
मनीषा मेवाड़ा ‘मनीषा मानस’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************** सत्य की राह चले जो हम तो, पैरों में काँटे चुभ आये। बाधाएं-ही-बाधाएं आयीं, ठोकर हमने पल-पल खायी। सत्य की राह चले जो हम तो, पैरों में काँटे चुभ आये॥ हँसी-ठिठोली खूब बनायी, सफलता भी रास ना आयी। सत्य की राह चले जो हम तो, पैरों में काँटे चुभ … Read more