शरद का चाँद
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** चंदा देता चाँदनी,देता शीतल नेह। पुलकित तन हर एक के,उल्लासित है देह॥ शुभ्र ज्योत्सना है मधुर,छेड़े मधुरिम राग। ऐ मेरे अनुराग अब,क्यों कर ना तू जाग॥ अमिय बरसता है सतत्,अब तो सारी रात। प्रकृति दे रही ऐ ‘शरद’,यह नेहिल सौगात॥ उजला सबका तन हुआ,मन भी निखरा ख़ूब। हर इक … Read more