झूमती होली

निशा ‘सिम्मी’साहिबगंज (झारखण्ड)********************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… रंगों से रंग मिले दिल से मिले दिल,आई रंगों की होली चल खेलें होलीमौसम झिलमिल,सजी हैं महफ़िल,आओ चले हो जाएँ हम भी शामिल। सुन्दर सुहाना यह दिन है आया,मदहोशी का समां ख़ूब है छायाढोलक बाजे,बाजे है सुन्दर मृदंग,सखियों की टोली करती हुड़दंग। इमारत या खोली खेलें … Read more

प्रार्थना

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************** कान्हा-कान्हा मैं रटूँ,मन चाहे अभिसार।बोलो तुम कहाँ आओगे,कब होंगे दीदारll प्रेम अगन मन में लगी,मीरा रटे श्यामlविष का प्याला पी गई प्रभु,ले कर तुमरा नामlबोलो तुम कब आओगे,कब होंगे दीदारllकान्हा-कान्हा मैं रटूँमन चाहे अभिसार… विपदा में फंसी द्रौपदी,लेती तुमरा नाम।चीर बढ़ाया तुमने प्रभु,रखी उसकी लाज।बोलो तुम कब आओगे,कब होंगे दीदारllकान्हा-कान्हा मैं … Read more

उर्जित हुई धरा फिर देखो

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. सूर्य हो गए उत्तरायणआया मकर सक्रांति त्यौहार,उर्जित हुई धरा फिर देखोहुए विदा अब ये मेहमान।शिशिर छोड़ चला ये घर-बार,ले आया ऊर्जा त्यौहार। नव पल्लव भी मुस्काए हैंकलियों के पट शरमाएं हैं,खिलखिलाने को है बेताबपा ऊर्जा खिली धरा आज।मुस्काए सूरज महाराज,ले आया ऊर्जा त्यौहार…। वीरानी जो रही वृक्षों … Read more

कान्हा

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. भोर भई नंदलाला, अब तो आओ पास नैन तकूं दिन रैन मैं, दर्शन दो घनश्याम। मैया खोल गैया खड़ी, बंसी थमा दी हाथ आओ लल्ला साथ लो, तुम गैयन को आज। कुंज गली में जब चले, सारे बाल गोपाल गैया धूल उड़ावती, संग चले गोपाल। कान्हा … Read more

प्रेम-स्नेह खो गया …

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* कैसा प्रेम,किसका प्रेम, कौन करे किस पर विश्वास। प्यार शब्द अब खो गया, हो गया अब ये आभास। हमेशा गद्दारी उसने ही की, जिस पर किया हमने विश्वास। प्रेम-स्नेह से सींच कर बागिया एक बनाई थी, कलियाँ कोई उस उपवन की बेदर्दी से नोंच गया। सो गई नन्हीं परी, घुट … Read more

माँ मेरी माँ

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ मेरे जीवन की तुम फुलवारी हो, खुशियां सदा ही लुटाती रही होl मुस्कुराहट चेहरे पे लाती रही हो, होती है कठनाई क्या जीवन की हमें इससे सदा बचाती रही हो। जीवन को बिताना है एक साधना, प्यार से हमें ये सिखाती रही होl कर्म पथ … Read more

मैं स्त्री

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… फूल नहीं तेरे जीवन का उपवन हूँ, निहार मुझे,तेरी बगिया की तितली भी मैं मैना भी मैं ही हूँ, चिरैया अपने बाबुल की मैं जरूर हूँ। चहक-चहक बेटी का फर्ज निभाया है, बहन बन रिश्तों को महकाया है बांध लाये तुम सप्त पदी में मुझे, … Read more