चले आओ
डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** चले आओ के बाधाएँ ३७० की हट गई, वादी-ए-गुल की फिजां महक में अपनेपन की, खुशबुएं घुल गईं। चले आओ के बहनों को देने तोहफा रक्षा-बंधन का, विस्थापितों के भी उजड़े आशियां सजा फिर, उनको वहाँ बसाने को। चले आओ के अब आशा का, संचार नस-नस में बहने लगा है, … Read more