चुनावी जाल

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** रचना शिल्प:काफ़िया-आज़,रदीफ़- मैं लिख दूँ सियासी खेल के हर शख्स का राज़ मैं लिख दूँ, बदलते देश के हालात पर अल्फ़ाज़ मैं लिख दूँ।…

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गद्दारों की बोली

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** निकल पड़ी फिर से जयचंदों की टोली है, सुनो इनकी कैसी ये देशविरोधी बोली है। पाक की मेहबूबा रोई,अब्दुल्ला भन्नाया है, आतंकी आका को…

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अस्तित्व नारी का

आदेश कुमार गुप्ता `पंकज`  रेणुसागर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** महिलाओं का भूल कर करिए नहि अपमान। महिलाओं से होत है हम सबका उत्थान॥ महिला माता रूप में करती है उद्धार। रात-रात वो जाग…

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नारी तेरी अमर कहानी

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** जो समझो तो कविता हो, बूझो तो अमर कहानी हो। नारी तुम त्याग समर्पण, करती बलिदान जवानी हो। नारी!तुम श्रद्धा समर्पण जीवन, सृष्टि जीवन…

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