हूक
डॉ. पंकज वासिनीपटना (बिहार) ******************** काव्य संग्रह हम और तुम से हमबता नहीं सकते,कितना अच्छा लगता था…तेरा आँखों से छूना…lलम्हा-दर-लम्हा…चुपचाप…सस्मित…!और,रोम-रोम मेरा पुलकित…lहृदय-वीणा पर,बज उठता मालकौश…!मन-मयूर नर्तित…,स्वप्न-अंजित-नयन सस्मित…lअरुण-मुख लाज-नत…और रुक जाते…