मन

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** मन चंचल है तू इतना बेचैन क्यों है मन, किस और भटक रहा है मन... घूम रहा है सपनों के संसार में ए मन, लौट कर…

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शब्द

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** शब्द मौन है, शब्द ही हँसाते हैं, शब्द ही रुलाते हैं शब्द ही हमें बोलना सिखाते हैं। शब्दों से ही हम किसी के दुश्मन बनते हैं,…

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माँ की महिमा

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ कितनी महान होती है, उसके चरणों में जन्नत होती है। माँ की महिमा का क्या करूं वर्णन, वह तो सारे ब्रह्मांड…

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धूप और छाँव

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** धूप और छाँव की लुका-छिपी, कितनी अच्छी लगती है। धूप में जब थक जाओ, छाँव शीतलता देती है। धूप जीवन का कठोर समय है, छाँव ढलती…

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मतदान करें

गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** आओ मतदान करें, फिर से बदलाव करें। लोकतंत्र की हो रही है शादी, हम सब बन जाएं बाराती। वोट हमें डालना है जरुरी, कोई शिकायत न…

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मैं बिटिया

दीपा पन्त शीतल बीकानेर(राजस्थान) *************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… मैं बाबा की प्यारी,माँ की दुलारी, छोटी-सी अंगना में खेलूं। कलाई में भइया की राखी बनूँ, देहरी में दिए की…

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