कत्लेआम
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* आज भावनाओं का भी देखो ऐसे कत्लेआम होता है। घर में मारकर बीबी को वो, बाहर खूब जोर से रोता है। ऐसे कत्लेआम… बेटी को भी ना छोड़े ये, ऐसा पिता भी होता है। लगे धब्बे जो दामन पे, सरेआम वो धोता है। ऐसे कत्ले आम… भाई का भाई … Read more