ख़्वाहिश
एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** नजरों ने ही देखा हँसी ख़्वाब तेरा, चाहतों की कशमकश में मुस्कुराता चेहरा तेरा। जवाँ दौर में, तेरी मोहब्बत की हर हसरत का, लम्हा-लम्हा गुजरा, जवाँ दिल की धड़कन के ख़्वाब-ए-ख़्वाब रह गये, हकीकत में ज़िन्दगी कि यादों आफताब तेरा। छुप-छुपकर, तन्हाई में मुलाक़ात की आरजू, ज़िन्दगी की हँसी … Read more