प्रकृति व धर्म का अनूठा संगम हिमाचल

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ खूबसूरत प्राकृतिक सौन्दर्य,वनस्पति एवं फूलों से महकती रमणिक घाटियां,अलबेले और अनूठे पहाड़ी स्टेशन,मंदिरों के कारण पहचान बनाने वाली देवताओं की भूमि है हिमाचल प्रदेश। बहुसांस्कृतिक,विशाल भौगोलिक विविधता एवं लुभावनी प्रकृति से सम्पन्न प्रदेश की कालका-शिमला रेलवे लाइन तथा कुल्लू का ग्रेट हिमालियन राष्ट्रीय उद्यान को ‘यूनेस्को’ की विश्व विरासत धरोहर सूची में … Read more

बालिकाओं की सुरक्षा के लिए परिवार-समाज को आगे आना होगा

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ एक विदूषी महिला को कहते सुना-आखिर हमारा भी वजूद है,हम खाली प्याले की तरह नहीं जो चाय पी और खत्म शो। उनके इन शब्दों में विकासशील कहे जाने वाले समाज में बालिकाओं और महिलाओं की स्थिति पर खासा व्यंग्य छुपा हुआ था। कहने और देखने में तो बालिका चाहे खेल हो या … Read more

प्रेम,मस्ती और मादकता का वसंतोत्सव

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ बसंत ऋतु में प्रकृति नया श्रृंगार करती है। खेतों में झूम उठते हैं सरसों के फूल,किसानों के चेहरे भी खुशी से चमक उठते हैं। आम के पेड़ों पर बौर फूटने लगते हैं,कलियां धीरे-धीरे खिलती हुई मधुर मधु के प्यासे भौरों को आकृष्ट करने लगती हैं। बेलों पर नए फूल खिल उठते हैं। … Read more

आइए,चलते हैं ‘गुलाबी नगर’ की सैर पर

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ विश्व प्रसिद्ध राजस्थान का ‘गुलाबी नगर’ जयपुर मेरा पसंदीदा शहर है। सौभाग्य है कि वर्षों मुझे यहाँ रहने का अवसर प्राप्त हुआ। बहुत करीब से देखा-जाना है शहर को-यहाँ की जीवन-शैली,परम्पराओं और संस्कृति को। गुलाबी रंग की रंगत लिए जयपुर कीचारदिवारी वाला प्रसिद्ध गुलाबी नगर,इसका कलात्मक परकोटा,गुलाबी इमारतें-महल, कला-सांस्कृतिक परम्पराएं,उत्सव,हस्तशिल्प सभी कुछ … Read more

माँ के उपजे नाम से

प्रभात कुमार दुबे(प्रबुद्ध कश्यप) देवघर(झारखण्ड) *********************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ के उपजे नाम से, माँ को व्यथा सुनाय। जो माँ के सुमरे कहीं, दु:ख उसके सब जाय॥ मनवाँ रोये है कहीं, सुन ले माँ दु:ख मोय। अंदर से सुमिरन करो, तुम्हरे बिना न कोय॥ जग रोने पर हँस रहा, सुमिरै माँ के नाम। प्रभु … Read more

प्रीत की पुकार से

प्रभात कुमार दुबे(प्रबुद्ध कश्यप) देवघर(झारखण्ड) *********************************************** प्रीत की पुकार सेl रीत की गुहार सेl हो नहीं अधीर-सा। ठोक ताल बीर-सा। है धरा पुकारती। है तुझे गुहारती। सत्य पे डटे रहो। क्षेम पे गहे रहो। कृष्ण-सा कहो वही। पार्थ-सा लड़ो कहीं। सोभती भुजंग वो। रोक पाश जंग जो। धीर-सा रहो कहीं। चीर-सा फटो नहीं। रीत प्रेमजीत … Read more