‘कोरोना’ से बचना है

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** बड़ा है फैला कोरोना का कहर, बन्द हो गये ये गाँव गली शहर। घर रहने को न समझो मजबूरी, हों काबू हालात,है तभी जरूरी। सेवारत हो लगे हुए हैं हमें बचाने, हूँ नतमस्तक धन्य हैं वे अवतारी। रात दोपहर सुबह शाम वे बिना थके, हाथ जोड़ समझाते सब … Read more

नमन करो उन चरणों को

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** आज़ादी के परवानों को,याद हमेशा करना। स्वर्ग में बैठे उन वीरों को ठेस लगेगी वरना॥ लड़ी लड़ाई आज़ादी की,फूले नहीं समाए हैं। ज़र्ज़र कश्ती को साहिल तक लेकर वे ही आए हैं॥ लाठी गोली बम धमाके, रूखी-सूखी फाकम-फाके। जान की बाज़ी लगा गए वो, थे वीर पूत वे … Read more

मेरी तमन्ना

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** लड़की वह गोरी होय,भरी हुई तिजोरी होए, पढ़ी भरपूर होए भई,हो जैसे कोई नायिका। रहे मुझको निहारती,पपीहे-सी पुकारती, हो जाऊं मैं शरारती,बन भँवरा कली काl तिरछे से नैन हों,मीठे-मीठे बैन हों, दिन हो कि रैन हो,मेरी बने वही राधिकाll रूप-रंग खरा हो,यौवन अंग भरा हो, मिलावट न जरा … Read more

प्यारी अपनी धरती है

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** प्यारी अपनी धरती है और प्यारा अपना देश है। हरे-भरे पेड़ों से सजता सुंदर ये परिवेश है॥ कुछ लोग यहाँ पर ऐसे हैं, जो धरती को गन्दा करते हैं। उनकी करनी-धरनी से भई, वन्य जीव सब मरते हैं। उनकी रक्षा करना ही,सब धर्मों का सन्देश है, हरे-भरे पेड़ों … Read more