हिंदी हमारी पहचान

पुष्पा सिंहकटक(ओडिशा)********************************************** हिंदी सबकी पहचान बने,आओ मिलकर इसका सम्मान करें।यह केवल भाषा नहीं,हृदय का है भाव,ऋषि-मनीषियों से हुआ है इसका आविर्भाव।इसमें संस्कृति हंँसती है,भारत की आत्मा बसती हैनित्य नई कलियाँ खिलती हैज्यों किरणें प्रभात से मिलती है।आज ना इसे पहचानोगे,कल सिर धुन पछताओगे।बच्चे रह जाएँगे संस्कृतिविहीन,हो जाएगी सभ्यता मिट्टी में लीन।समय अभी न बीता है,नहीं … Read more

जी चाहता है

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** जी चाहता है मेरा,भारत नव निर्मित हो, शहरों से गांवों तक-जन जन का हित हो। जी चाहता है…॥ हर घर में रोजी-रोटी हो,जन जन बनें सशक्त, अपराध मुक्त समाज हो,सब हों देशभक्त। जात-पांत और भेद-भाव से,हृदय रहित हो, जी चाहता है…॥ जय भारत गूंजे देश-देश में,आगे प्रवृत्त हों, विश्वगुरु होने … Read more

अंतरिक्ष स्वप्न

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** यह कलियुग है, और कलयुग भी। नित नूतन यंत्रों का आविष्कार, पल-पल होता परिष्कार। इनके बल पर ही देखे जाते, अंतरिक्ष में उड़ने के स्वप्न प्राप्त होते नित नूतन अनुभव। खोजे जाते सृष्टि के सूक्ष्म रहस्य, ग्रह,उपग्रहों के भिन्न-भिन्न घनत्व। प्राप्त सूचनाएं संभाव्य, मानव जीवन का निर्वाह नहीं रुकती … Read more

जीवनसाथी

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** संध्या जो आए मन घबराए, जीवनसाथी तुम बिन हाय। लागे न तुम बिन सांझ सुहानी, झुकती घटाएं रुत मस्तानी। मन की जलन को और बढ़ाए, जीवनसाथी तुम बिन हाय॥ बीत गए जाने कितने पल, आँखों से बरसे बनके जल। फिर भी प्यास बुझा ना पाए, जीवनसाथी तुम बिन हाय॥ रात … Read more

कटुवचन

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** मानव को मिला वाणी का वरदान। सधते उसी से संसार के व्यवहार। ज्ञान विज्ञान मनोरंजन, सभी तो जुड़े हैं वाणी के सूक्ष्म तंतु से। मानव मन पर करती राज्य, संतों की अमृतमय वाणी। हरती दुःख-क्लेश देती शाश्वत शान्ति। ठीक उलटा, कटुवचन प्रभाव पल में भरता मन में द्वेष-भाव, पनपता … Read more

उनकी होली की शान

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** याद रहे,उनकी होली की शान, देशहित हो गये जो बलिदान। कितने वादे,कितनी खुशियाँ ? कितने नाते,कितनी कमियाँ ? कितने! अधूरे रह गये अरमान। देश हित…॥ सेवा जननी और जनक की, वचन भगिनी रक्षा संगिनी की बिखरा,बच्चों सिर तना वितान। देशहित…॥ सरहद की रक्षा प्रण ठाने, मातृभूमि बलिवेदी माने। निछावर … Read more

शिव महिमा

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** शिव शंकर कैलाश में गिरिजा सोहे साथ में, गोद लिये गणपति नंदी पे सवार है। जटा मुकुट शीश पर कटि सोहे बाघम्बर, अर्धचन्द्र भाल पर शीश गंगधार है। भस्म अंग मुण्डमाल भूषण बने हैं व्याल, रुद्राक्षों से सज रहा अदभुत श्रंगार है। शोभित त्रिशूल कर मोहता डमरू स्वर, चढ़े … Read more