हिंदी हमारी पहचान
पुष्पा सिंहकटक(ओडिशा)********************************************** हिंदी सबकी पहचान बने,आओ मिलकर इसका सम्मान करें।यह केवल भाषा नहीं,हृदय का है भाव,ऋषि-मनीषियों से हुआ है इसका आविर्भाव।इसमें संस्कृति हंँसती है,भारत की आत्मा बसती हैनित्य नई कलियाँ खिलती हैज्यों किरणें प्रभात से मिलती है।आज ना इसे पहचानोगे,कल सिर धुन पछताओगे।बच्चे रह जाएँगे संस्कृतिविहीन,हो जाएगी सभ्यता मिट्टी में लीन।समय अभी न बीता है,नहीं … Read more