नेता

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** रोना अभिनय, हँसना अभिनय सुख में अभिनय, दु:ख में अभिनय इतने अभिनय जाने कैसे कर लेते हैं, चेहरे पर ये चेहरा खूब लगा लेते हैं। खाना अभिनय, पीना अभिनय इनके तौर- तरीके अभिनय, देश की जनता को ये मूर्ख बना लेते हैं, चेहरे पर ये चेहरा खूब लगा लेते हैं। … Read more

न जाने कैसी होली है!

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** रंगो में उत्साह नहीं है, और उमंगें अनबोली है। न जाने कैसी होली है…!! मुस्कानें हो गई खोखली, न नैनों में है न वो मस्ती… रंग सभी बेरंग हो गये, न कोई हँसी-ठिठोली है। न जाने कैसी होली है…!! ढोल-नगाड़े मंद हो गये, चंगों के स्वर बंद हो गये… मौसम … Read more

चुप कब तलक रहिये

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** बेगानों की बस्ती में मेरे दिल कब तलक रहिये। न ये कहिये,न वो कहिये,छुपाते कब तलक रहिये। दिखायेंं किसको जख्मे-दिल,सुनायेंं किसको हाले-गम, न ये सुनते,न वो सुनते,सुनाते कब तलक रहिये। वो करके कैद मुझसे पूंछते हैं, “खुश तो हो जानम”, ऐसे दिलबर को दर्दे-दिल दिखाते कब तलक रहिये। वफा के … Read more