बढ़ रही गर्मी,कट रहे पेड़

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गर्मी देखो बढ़ रही,कटते जंगल पेड़। आओ पौधा रोप लो,बंजर धरती मेड़॥ मत काटो इंसान तुम,ये तो छायादार। गर्मी से रक्षा करे,पालन पोषण सार॥ जीव जगत इनसे जिए,इनसे है संसार। पेड़ लगा काटो नहीं,मत करना व्यापार॥ धरती का श्रृंगार है,पादप वृक्ष पहाड़। पर्यावरण बचाय लो,आव लगाव झाड़॥ सूरज … Read more

महापर्व-मतदान️ करें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** क्या आपने मतदान किया ? मित्रों,हाँ हमने मतदान किया, मत के न केवल अधिकारी हम वरन् कर्तव्यनिष्ठ जाग्त सशक्त, सतर्क सदा तत्पर प्रबुद्ध हम प्रजा प्रबल हैं हस्ताक्षर, है यह लोकतंत्र का महापर्व तभी शक्ति समुन्नत होंगे, सदभाव शान्ति व नीति प्रीति हो शिक्षित समदर्शी लोकपाल, जनप्रतिनिधि चयन … Read more

सिसकता किसान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गर्मी की इस मार में,रोते आज किसान। बिलख रहे हैं भूख में,धरती के भगवानll देखो हाहाकार है,सिसक रहे हैं लोग। धरती सूखी खेत है,घेर रहे हैं रोगll तपती धूप बढ़े यहाँ,कौन करे अब काम। खेतों में दर्रा फटे,बंजर हुए तमामll जीने को मजबूर है,सिसक रहे हैं आज। कर्ज … Read more

रे कपूत!अब भी संभल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** गाली दे दे एक को,तुम बना दिये स्टार। जनता अब बुद्धू नहीं,जीते चौकीदारll गाली दे थकते नहीं,बहुसंख्यक को आज। लोकतंत्र है शर्मसार,बन वोट बैंक समाजll जमानती हैं एक मंच,निज कुनबों के साथ। सोच न बदली सल्तनत,मिले चोर के हाथll कहते हो हम हैं वतन,मिले साथ हो पाक। आतंक … Read more

धरती से है इंसान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरती अपनी धारिणी,माता रूप समान। करो वन्दना प्रेम से,इनसे हैं इंसान॥ इनमें हैं सारा जहां,सारा हिंदुस्तान। तिलक लगा माथा इसे,चन्दन बने महान॥ माता मेरी ये धरा,हरियाली चहुँओर। सूरज करते भोर हैं,पक्षी करते शोर॥ वीरों की क़ुर्बानियाँ,इसी धरा की शान। भारत के बेटा सभी,करते … Read more

अब भी बचा लो जिंदगी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… मैं हूँ धरा संसार का, मुझमें समाहित सकल निर्झर सरित् पर्वत सप्त सागर, महदारण्य सें हूँ परिपूरित जीवन दातृ पालक सम्पोषिका, धरित्री ऊर्वरा शस्य श्यामला निज आँचल में समेटे चराचर, हूँ अनंत गह्वर दीर्घतर हूँ शान्ति ममता करुणापूरित, देव दानव मनुज इतरेतर भूतगण … Read more

चुनावी समर

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** सारे भारत वर्ष में,धूम मची है आज। चलो करें मतदान अब,करते हैं शुभ काजll घर-घर माँगे वोट को,करके वादा आज। समय बीत फिर जीत के,करते हैं वो राजll लोभ मोह के जाल में,कभी न फँसना यार। नेता गिरगिट जान लो,बदले रंग हजारll दल-बदलू को आज तुम,करो नहीं स्वीकार। … Read more

खुशियों के बीज

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… हरी-भरी वसुन्धरा को, देख कर मेरा वतन मुस्कुरा रहा है ऐसे, फूल का कोई चमन। हर जवान देखता है, सीना तानकर यहां आजाद,भगत,बोस ने, जन्म लिया हो जहां। जमीं है मेरे प्यार की, जमीं मेरे दुलार की महक ये बिखेरती, प्रेम,पावन,प्यार की। ये धरा … Read more

धर्मपत्नी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** जीवनसाथी आज जो,थी पहले अनज़ान। पली बढ़ी तरुणी बनी,तजी गेह अभिमान॥ एकाकी थी जिंदगी,सूना था संसार। मन ख्वाबों से था भरा,अपना हो परिवार॥ पढ़ी-लिखी हो रूपसी,शील त्याग मृदु भास। सुगृहिणी और संगिनी,प्रेम सरित आभास॥ बहुत जतन के बाद में,मिली सुकन्या एक। परिणीता वैदिक विधा,मिली संगिनी नेक॥ नववधू बन … Read more

घर-घर आये नेता जी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** नेता घूमते गाँव में,माँगन को वो वोट। तरह-तरह के वायदे,बरसाते वो नोटll घर-घर आते हैं सभी,नेता करते बात। जनता लालच में फँसे,देते हैं सौगातll पाँच वर्ष की नौकरी,पाते हैं वो आज। अपनी झोली हैं भरे,करते हैं वो राजll झूठ कपट मन में बसे,मुँह में मीठा बोल। एक वोट … Read more