बढ़ रही गर्मी,कट रहे पेड़
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गर्मी देखो बढ़ रही,कटते जंगल पेड़। आओ पौधा रोप लो,बंजर धरती मेड़॥ मत काटो इंसान तुम,ये तो छायादार। गर्मी से रक्षा करे,पालन पोषण सार॥ जीव जगत इनसे जिए,इनसे है संसार। पेड़ लगा काटो नहीं,मत करना व्यापार॥ धरती का श्रृंगार है,पादप वृक्ष पहाड़। पर्यावरण बचाय लो,आव लगाव झाड़॥ सूरज … Read more