तकदीर
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** भार धरा शाश्वत शिरसि,अथक वेदना चूर। कहता है ख़ुद दास्तां,दीन हीन मज़दूर॥ पड़े फफोले हाथ में,घायल पैर सवाल। हुआ स्वेद जल तरबतर,धूल गात्र बदहाल॥ फ्रिज़ कूलर ए.सी. कहाँ,बनी सड़क रनिवास। यायावर संघर्ष पथ,व्योम गेह आवास॥ कहाँ ज्ञान विज्ञान का,जीवन चारागाह। भूख प्यास छत बिन वसन,कैसे हो निर्वाह॥ मिले … Read more