गरीबी है दुश्वारी

रीना गोयलयमुना नगर(हरियाणा)************************************************************* खींच रही है रोज जिंदगी,बोझ विवशता का अति भारी,पर मजबूरी मुझ अनाथ की,बनी गरीबी है दुश्वारी। बिछा हुआ अस्तित्व जमीं पर,ठोकर ही पल- पल मिलती है,मानवता मृतप्राय: हुई अब,निर्ममता दिन भर छलती है।पग-पग मन को शूल बेधते,फिर भी जीना सीख गया हूँ,हूँ गरीब का बालक मैं तो,दर्द निगलना सीख गया हूँ। बचपन … Read more

ये जीवन इक रंगमंच

रीना गोयल यमुना नगर(हरियाणा) ************************************************************* ये जीवन इक रंग मंच है,अलग-अलग किरदार। कठपुतली के खेल में हुए,हम सब हिस्सेदार। कोई नराधम हुआ धरा पर,चलता कुत्सित राह। ओर निभाये कोई मीत बन,डाल प्रीत की बाँह। नानक सम है सतगुरु कोई,तो कोई घनश्याम। भूमिकाएं सब निभा रहे हैं,क्या रहीम क्या राम। अजब-गजब प्रस्तुतियां देकर,दिल छूते हर बार। … Read more

इसको जीना कहते हैं!

रीना गोयल यमुना नगर(हरियाणा) ************************************************************* भड़क रही सीने में पल-पल,आग नफरतों की यह कैसी, दुखी हृदय सब देख विकल है,क्या इसको जीना कहते हैं ? भ्रष्ट हो गयी राजनीति है,भूल चुकी ईमान तभी ये, क्यों विनाश की और चले हैं,भ्रमित हुए इंसान सभी ये। होली खेलें चलो रक्त से,चौड़ा कर सीना कहते हैं, दुखी हृदय … Read more