मतलबी जहाँ

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ जब ग़म से दिल बेज़ार होता है।सब अपनों से ही ख़ार होता है। मतलबी जहाँ बेहिस लोग यहाँ,रो रो दिल तार तार होता है। ठोकर लगी खून-ए-जिगर से,तब मौत से ही प्यार होता है। फ़ारिग हो चुके जिम्मेदारियों से,तन्हा दिल ज़ोरदार होता है। दिल के टुकड़े ने दिल तोड़ा है,अब किसपे ऐतबार होता … Read more

कर्मों का हिसाब

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ हम उतने भी बुरे नहीं,जितना लोगों ने बनाया हैमासूम थे तभी तो मुझे,अपनों ने सताया है। नहीं काम आई,दिल की अच्छाइयाँ मुझेमैं नहीं जानती थी,कि सगों ने भरमाया है। दिल अपने कर्मों का,सीसीटीवी कैमरा हैसमझ सके तो मान ले तू,कर्मों का हिसाब बक़ाया है। वो दुनिया कितनी हसीन होगी,कृष्ण की बनाई रंगीन होगीग़म … Read more

ख्वाहिश

रेणु झा ‘रेणुका’राँची(झारखंड)************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से एक ख्वाहिश है साजनतेरे दिल में रहना है,तेरे नयनों के दर्पण मेंबनना संवरना है,तुम देखना हो कर बेकरार…जैसे कल ही हुआ हो प्यार। तेरे यादों से मेरीसाँसें चलती है,धड़कन में हलचल-सीतेरी खुशबू रहती है,तुम रहते हो हर पल साथ…जैसे कल ही हुआ हो प्यार। बैठे हो … Read more

चलो नज़रें दो-चार करते हैं

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से चलो नज़रें दो-चार करते हैं।एक-दूसरे से प्यार करते हैं। बहुत जी चुके तक़रार प्यार में,अब सरेआम इज़हार करते हैं। जिस्त से हटाओ ग़मों के घेरे को,अब नाव अपनी पार करते हैं। ज़माने से डरने की ज़रूरत नहीं,लड़ने को खुद ही तैयार करते हैं। जो हक़ है हमारा … Read more

नजर कभी चाँद पर…

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ ये चाँद किसने टांक दिया है आसमान पर।के रश्क़ आ रहा है मेरे सायबान पर। नज़र कभी चाँद पर कभी सनम पर जाती है,के प्यार आ रहा है इसी जानेजान पर। चाँदनी की ओढ़नी पर तारों का चमकना,जड़े हैं सुंदर सलमे सितारे अपनी शान पर। किसी के बेहद प्यार का करिश्मा है ये,कि … Read more

अगली पीढ़ी संभालनी होगी

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************** चलो चलो दवाई आ गई,जीवन की दुहाई आ गई।फ़िर से लाइन में खड़े होंगें,आधार की परछाई आ गई। अब राजनीति भी गहराई,धर्म की होगी ख़ूब लड़ाई।अक्ल कब आएगी लोगों,हिंदु-मुस्लिम हैं भाई-भाई। बीमारी जात देखकर नहीं आती,ये खुल्लमखुल्ला ही चली आती।टीका ले लो सब शांति से,नई पीढ़ी भी दे सके दुहाई। अगली पीढ़ी संभालनी … Read more

मेरी किश्ती का किनारा था

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************** साथ उसका बड़ा ही प्यारा था।मेरे जीने का जो सहारा था। मन्नतें मांग कर जिन्हें पाया,वो मेरी किश्ती का किनारा था। वो जमीं पर ख़ुदा की सूरत है,यार रूठा मेरा सहारा था। यूँ तो देखा है ज़िन्दगी में बहुत,सँग उसका हंसी नज़ारा था। उनको पाना ही मेरा था मक़सद,और कुछ भी नहीं गँवारा … Read more

दर्द

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************************ ख़याली पुलाव बनाना अच्छा नहीं होता,यूँ ही दिल बहलाना अच्छा नहीं होता।है रंजिशें दिल में तो छुपाकर रखो-ग़मों को बतलाना अच्छा नहीं होता। दिल का दर्द तू महसूस करना सीख ले,इस तरह ख़ुद के दिल में रहना तू सीख ले।दर्द की परिभाषा तू कभी तो समझेगा-जीवन में तू मरना फ़िर जीना सीख ले। … Read more

नव वर्ष के आते-आते

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* नव वर्ष के आते-आते, एक प्रकाश पुंज आया भारत की ओर, देख कर मन हुआ विभोर। हर दिशा की खुशबू ने कहा- देश बदल रहा है। `राम जन्मभूमि` मुक्त हुआ, `कश्मीर` पुनः अपना बना `तीन तलाक़` खत्म हुआ, दुनिया में `भारत का मान` बढ़ा `स्वच्छता` अभियान चला, अंग्रेजी को पीछे … Read more

अजीब-सी जिन्दगानी है…

रेणू अग्रवाल हैदराबाद(तेलंगाना) ************************************************************** अजब प्यार की कहानी है। ये जज्बात तो रूहानी है। कौन किसको समझ पाया, अजीब-सी जिन्दगानी है। मेहनत जो कर रहा है उसकी, पसीने से तरबतर पेशानी है। जवान दिलों की धड़कनों में, रुमानियत की रवानी है। जीवन मे सिर्फ़ जीने के लिये, चार दिनों की जवानी है। क़िस्मत से गिला … Read more