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नव वर्ष के आते-आते

रेणु झा ‘रेणुका’
राँची(झारखंड)
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नव वर्ष के आते-आते,
एक प्रकाश पुंज
आया भारत की ओर,
देख कर मन हुआ विभोर।
हर दिशा की खुशबू ने कहा-
देश बदल रहा है।

`राम जन्मभूमि` मुक्त हुआ,
`कश्मीर` पुनः अपना बना
`तीन तलाक़` खत्म हुआ,
दुनिया में `भारत का मान` बढ़ा
`स्वच्छता` अभियान चला,
अंग्रेजी को पीछे छोड़
`हिंदी` सहोदरी हुई,
पठन-पाठन पर बढ़ा है जोर
विकास की पटरी हर ओर।

गरीबों को हक मिला,
`आयुष्मान योजना` लागू हुई
नारी शिक्षा मुफ्त हुई,
नारी शक्ति का दम`
दिख रहा है चंहुओर,
दिव्य प्रकाश पुंज बढ़ा
भारत की ओर।

अब दुशासन को मिटाना है,
मासूमों के अत्याचारियों को
फाँसी पर लटकाना है,
ताकि बेटियां घूमें निडर होकर
अपने अच्छाइयों संग,
समाज की बुराइयों को
मिटाना हैll

परिचय-रेणु झा का निवास झारखंड राज्य के राँची जिले में स्थाई रूप से है। साहित्यिक उपनाम ‘रेणुका’ लिखने वाली रेणु झा की जन्म तारीख ५ सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-राँची है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा का ज्ञान रखने वाली रेणुका की पूर्ण शिक्षा-एम ए. और बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक),समाजसेवा एवं साहित्य सेवा का है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत नि:शुल्क शिक्षा देने सहित विविध सामाजिक कार्य भी करती हैं। इनकी लेखन विधा-लेख,गीत तथा कविता है। कईं पत्र- पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होने का सिलसिला जारी है। आपको प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में विशेष रूप से मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित हैं तो अन्य मंचों से कईं साहित्यिक सम्मान मिले हैं। विशेष उपलब्धि-सामाजिक समस्याओं पर लेखन में दैनिक समाचार-पत्र से सम्मानित किया गया है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समस्याओं का निदान,लोगों में जागरूकता लाना और हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार करना है। आपके पसंदीदा हिन्दी लेखक-श्री प्रेमचंद,सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और हरिवंशराय बच्चन हैं। प्रेरणापुंज-माँ है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“मेरा देश विश्व गुरु हो,यही कामना है। हिंदी भाषा देश के हर क्षेत्र,राज्य में बोली और लिखी जाए।”

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