मेरा राम…

ऋतुराज धतरावदाइंदौर(मध्यप्रदेश)**************************************** मेरा रामबंद नहीं है किसी मंदिर में,ना ही नजर आता हैवह किसी नारे में,इन दिनों जब देखता हूँ अस्पतालों में…या सड़क पर दौड़ती एम्बुलेंस में,तेजी से गुजरती ऑक्सीजन वेन मेंराशन से भरी गाड़ियों में,हाई-वे पर पानी और खाने के पंडालों में।कभी डॉक्टर-कभी सेवक,कभी वाहन चालक-कभी दूधवालाकभी सब्जी और फल वाले में,हाँ,मेरा राम इन … Read more

कहाँ से लाऊँ वो शब्द ?

ऋतुराज धतरावदा इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* नहीं जानती है तू कहाँ तक फैला है तेरा वजूद, फूलों की खुशबूओं दिल तक छूते हर इक स्पर्श, गोधूली से नहाती साँझ चौके से उठती भीनी-सी लहर, धुँध में डूबी सुबह मस्ज़िद की पहली अज़ान, मंदिरों की संध्या आरती पहाड़ी नद के नाद, चीड़ के जंगल में झाँकती किरण बूँदों … Read more

एक बार और…

ऋतुराज धतरावदा इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* सोचता हूँ कुछ देर सुस्ता लूँ, झील किनारे बैठकर कहीं पीलूँ थोड़ा-सा मौन, खुद के अंदर उतरूँ जहाँ बरसों पहले, जाया करता था कभीl हर चीज को फिर सलीके से सजाऊँ, आईने को साफ कर वही पुराने कपड़े पहन, नजरभर खुद को भी देखूँ समय के साथ उग आई सलवटों पर … Read more

तेरा वजूद

ऋतुराज धतरावदा इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* नहीं जानती है तू कहाँ तक फैला है तेरा वजूद, फूलों की खुशबूओं दिल तक छूते हर इक स्पर्श, गोधूली से नहाती साँझ चौके से उठती भीनी-सी लहर, धुँध में डूबी सुबह मस्ज़िद की पहली अज़ान मंदिरों की संध्या आरती, पहाड़ी नद के नाद चीड़ के जंगल में झाँकती किरण बूँदों … Read more