मैं उसे शिद्दत से लिखता हूँ…

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)**************************************************** मैं आज भी उसे हाँ…! सिर्फ उसे ही बड़ी शिद्दत से लिखता हूँ…पूछा था किसी ने एक बार हँसकर मुझसे,कि उसे पाने के बाद तो नहीं लिखोगे तुम!जब हो जाएगी तुम्हारी तलाश पूरी-आस पूरी,उसमें होकर मुकम्मल फिर तो नहीं लिखोगे तुम!उसे पाकर उस तक ही लिख सकोगे तुम…मैं आज भी उसे … Read more

जीवन की अनमोल धरोहर

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… बड़े दिनों की छुट्टी में हम करते बहुत धमाल, जीवन की अनमोल धरोहर बचपन बहुत कमालl बस खाना-पीना और खेलना, ले देकर होते यही तीन ही कामl एक बार जो रेल चलाते, फिर रुकने का नहीं था कामl खेलेंगे हम भरी शीत में, … Read more

वो बचपन के दिन

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. वो बचपन के दिन भी, क्या अजब निराले थे… हम तन के बेशक काले थे, पर दिल में भरे उजाले थे। छोटी-सी दुनिया थी अपनी, जिसमें ना रिश्तों की मारामारी। खेल-खिलौने ही सब-कुछ थे, जिनमें बसती दुनिया सारी। जिम्मेदारी का बोझ नहीं था,बस मन … Read more

मेरी पाक मुहब्बत..

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** वो मेरी तस्वीर को, सीने से लगाकर मुहब्बत करती रही। पर मेरे सामने अपनी, मुहब्बत का इजहार करने से डरती रही॥ रची हुई हाथों की मेहंदी से, मेरे नाम की खुशबू बिखरती रही॥ वो पगली हर रोज, आईने के सामने मेरी याद में संवरती रही॥ देखकर किसी को, इश्क-ए-राह … Read more