`मातृभाषा` को संभालने की जरूरत

प्रो. गिरीश्वर मिश्र दिल्ली ************************************************************* यूनेस्को ने २१ फरवरी को ‘मातृ भाषा दिवस’ मनाने का निश्चय करने के बाद भारत सरकार ने भी इसका फरमान जारी किया है और इसके आयोजन के निर्देश दिए हैंl शैक्षिक संस्थानों द्वारा आयोजित किए जाने वाले कृत्यों की सूची में अब यह भी शामिल हैl ऐतिहासिक रूप से यह … Read more

जनतंत्र में जनभाषा ही होनी चाहिए न्याय की भाषा

जम्मू-कश्मीर राज्य का उर्दू भाषा से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं रहा। उर्दू का उदय दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में ही हुआ था। कश्मीर में तो इस्लामिक शासन भी नहीं था,वहाँ तो हिंदू राजा हरि सिंह का शासन रहा, लेकिन स्वतंत्रता के पश्चात इस्लामिक कट्टरता और प्रभाव के कारण कश्मीरियत की बात करनेवाले … Read more

भारतीय भाषाओं के लिए चुनावी माँग-पत्र

सन् २०१९ में सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के लिए मुम्बई। भारत की संस्कृति को एक पीढ़ीसे दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाते हुए आगे बढ़ाने का काम करती हैं हमारी भारतीय भाषाएँ। यदि भारतीय भाषाओं का पराभव हुआ तो भारत की संस्कृति ही नहीं,हजारों वर्षों से अर्जित भारत का तमाम प्राचीन ज्ञान-विज्ञान,अध्यात्म, साहित्य सहित सब कुछ समाप्त हो … Read more

पत्र को हस्ताक्षर-पते सहित प्रधानमंत्री को भेजने का अनुरोध

मुम्बई। भारत को इंडिया की अपेक्षा भारत नाम से ही पुकारे जाने के अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का बीड़ा उठाया गया है। खुद के हस्ताक्षर-पते सहित प्रधानमंत्री को ऐसे पत्र भेजने का अनुरोध किया गया है, ताकि भारत की प्रतिष्ठा कायम रहे। प्रति, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री,भारत सरकार, नई दिल्ली, भारत विषय-भारत बने … Read more

१९वीं शताब्दी में ही भारतीय संस्कृति और भाषाओं के प्रति काफी रुचि बढ़ गई थी रूस में

मास्को विश्वविद्यालय की प्रो.डॉ.खोखलोवा ने कहा अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी:रूस के संदर्भ में पर व्याख्यान में गुरुग्राम (हरियाणा)l पंद्रहवीं शताब्दी में रूस में भारतीय भाषाओं के प्रति रुचि झलकने लगी थी,जब एक रूसी विश्व यात्री अफनासी निकितिन ने१४६८ में भारत की यात्रा की थी। वर्ष १८०१ में गेरासिम लेबिदेव ने कोलकाता के व्यापारियों … Read more