कोई किसी का नहीं
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** कौन किसका होता है,इस बनावटी जमाने मेंजहाँ हर कोई नाटक,करता है समयानुसारऔर बदल जाते हैं तब,जब उसे फायदा होता हैऔर भूल जाते हैं सब,तुम्हारे सारे उपकार को। समय की आज-कल,बहुत मांग होती हैअपने फायदे के लिए,फँसा देते हैं अपनों कोऔर अपनी करनी पर,तनिक भी पछताते नहींतान कर सीना वो अपना,बेशर्म की तरह … Read more