भीतर-भीतर जंग!
डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ उबल रहे रिश्ते सभी,भरी मनों में भांप,ईंटें जीवन की हिली,साँस रही हैं कांप। बँटवारे को देखकर,बापू बैठा मौन,दौलत सारी बांट दी,रखे उसे अब कौन। नए दौर में…
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September 20, 2020