भला क्या कर लोगे ?

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** है हर ओर भ्रष्टाचार,भला क्या कर लोगे,तुम कुछ ईमानदार,भला क्या कर लोगे ? दूध में मिला है पानी,या पानी में मिला दूध,करके खूब सोच-विचार,भला क्या कर लोगे ? ईमान की बात करना नासमझी मानते लोग,सब बन बैठे समझदार,भला क्या कर लोगे ? विकास की नैया फंसी पड़ी स्वार्थ के भंवर में,नामुमकिन है … Read more

सबकी ख़बर रखती है

शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ (रचनाशिल्प:बहर-मफाईलुन,फाएलुन,फालातुन) सभी चालों पर नज़र रखती है। हुकूमत सबकी ख़बर रखती है। बुरी आँखों से नज़र लगती है, मग़र माँ मेरी जंतर रखती है। ये डरती हरगिज़ नहीं दुनिया से, कि नारी दिल में गदर रखती है। सियासत की कुछ असर लगती है, कि गंगा माँ भी सबर … Read more

बताओ माँ,मेरे दामन में हिस्से क्यों नहीं आते ?

शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ खुदी चलकर बहाने से ये रस्ते क्यों नहीं आते। घरानों से मिरी बेटी को रिश्ते क्यों नहीं आतेl पराई थीं,पराई हूँ,पराई ही,रहूँगी मैं, बताओ माँ,मेरे दामन में हिस्से क्यों नहीं आते। मुझे तालीम लेने की बड़ी हसरत ज़िगर में है, मग़र चालीस रुपये में ये बस्ते क्यों नहीं … Read more