नारी वो भी वृद्धा

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)*************************************** जब अन्तिम चरण पहुंचती है,वृद्धा, काया वह शक्तिहीन,मन की फिर बात न होती है,न सुदृढ़ सहारा उसका हो,जहाँ प्रेम समर्पण वार दिएसौंपा ना था सब छीन…

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भला क्या कर लोगे ?

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** है हर ओर भ्रष्टाचार,भला क्या कर लोगे,तुम कुछ ईमानदार,भला क्या कर लोगे ? दूध में मिला है पानी,या पानी में मिला दूध,करके खूब सोच-विचार,भला क्या कर लोगे…

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हम-तुम

शिवानी शुक्ला 'श्रद्धा'जौनपुर(उत्तरप्रदेश)*********************** काव्य संग्रह हम और तुम से हम-तुम एक दिल एक जान हैंअब बाकी ना कुछ अरमान हैं,एक-दूजे बिन हम कुछ भी नहीं,अब यही हमारी पहचान है। मेरे…

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अभिनंदन जी का अभिनंदन

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** तुम सीमाओं को लाँघ गए,अरि विमान का करने मर्दन, तुम किंचित भी भयभीत न थे,हे वीर तुम्हारा अभिनंदन। तुम छोटे से विमान पर थे,सम्मुख था उन्नत…

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