बीता साल
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** ना कोसो बीते साल को,ये तो फ़र्ज़ निभाने आया था,इंसां को उसकी हद समझाने और जगाने आया थाl लख्त है जिस क़ुदरत का,उसको दोयम इसने मान लिया,ख़ुदग़रज़ी इंसां ने,खुद को,ख़ुदा जमीं का मान लियाlख़ुद-बीं इस नादां को,उसकी ज़मीं दिखाने आया था,ना कोसो बीते साल को,ये तो फ़र्ज़ निभाने आया … Read more