कोई अपना-सा

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** पीताम्बर जब प्राइवेट वार्ड के एक कमरे में पहुँचा तो देखा कि बाबू विलासराव बिस्तर पर अचेतावस्था में पड़े हुए थे। एक ओर कैथेटर लगा था तो दूसरी ओर एक-दो मशीनें भी। उनके पास दवाओं का ढेर जरूर लगा हुआ था पर पास में कोई सहयोगी न था। बहुत अजीब-सा वातावरण था,तभी … Read more

संस्कृति

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** इस समय निशा बहुत बेचैन थी। अंकुर और उसका घर निशा की आँखों के सामने घूम रहे थे। निशा ने अपनी अलमारी से काली जीन्स के साथ ही एक सुंदर-सा टॉप निकाला और तैयार होने लगी। बायेंं कंधे पर स्ट्रोल डालकर जब आइने के सामने खड़ी हुई तो मुस्कराए बगैर न रह … Read more

नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** गया वर्ष संघर्षों में बीता,नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा।सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll गए वर्ष में घर उजड़ गए हैं,देश का धन बर्बाद हो गया,डॉक्टरों व नर्सों ने मिलकर,लिख डाला इतिहास नया,समूचा देश अब जाग चुका है,नहीं कोई भरमा पाएगा।सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll मानव मन प्रफुल्लित … Read more