कोई अपना-सा
शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** पीताम्बर जब प्राइवेट वार्ड के एक कमरे में पहुँचा तो देखा कि बाबू विलासराव बिस्तर पर अचेतावस्था में पड़े हुए थे। एक ओर कैथेटर लगा था तो दूसरी ओर एक-दो मशीनें भी। उनके पास दवाओं का ढेर जरूर लगा हुआ था पर पास में कोई सहयोगी न था। बहुत अजीब-सा वातावरण था,तभी … Read more