शिवनाथ सिंह
लखनऊ(उत्तर प्रदेश)
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गया वर्ष संघर्षों में बीता,नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा।
सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll
गए वर्ष में घर उजड़ गए हैं,देश का धन बर्बाद हो गया,
डॉक्टरों व नर्सों ने मिलकर,लिख डाला इतिहास नया,
समूचा देश अब जाग चुका है,नहीं कोई भरमा पाएगा।
सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा सा छाएगाll
मानव मन प्रफुल्लित होगा,स्वागत करेंगे सब मिलकर,
सुखी जीवन की आशाएँ होंगी,मन में न होगा कोई डर,
शांति-संदेश की धार बहेगी,अपनत्व का राग फैलाएगा।
सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा-सा छाएगाll
गया वर्ष संघर्षों में बीता,नववर्ष खुशियाँ लेकर आएगा।
सपने सबके पूरे होने पर,चहुँओर उजियारा-सा छाएगाll
परिचय-शिवनाथ सिंह की जन्म तारीख १० जनवरी १९४७ एवं जन्म स्थान धामपुर(बिजनौर,उत्तर प्रदेश )है। प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री सिंह की शिक्षा सिविल इंजीनियरिंग है और विद्युत विभाग से २००५ में अधिशाषी अभियन्ता पद से सेवानिवृत्त हैं। रुचि-साहित्य लेखन,कला एवं अध्यात्म में है। इनकी प्रकाशित पुस्तकों में कविता संग्रह(२०१४) सहित लेख,लघुकथा एवं कहानी संग्रह(२०१८) प्रमुख है। मुक्तक संग्रह प्रकाशन प्रक्रिया में है। रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं एवं पत्रों में विविध साहित्य के रुप में प्रकाशित हैं। लेखनी की वजह से विभिन्न संस्थाओं से अनेक सम्मान-पत्र एवं प्रशस्ति-पत्र प्राप्त हैं।