उसने कहा नहीं…

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)************************************** उसने कहा कुछ नहीं,बस देखा मुस्कुराकर औरमैंने स्वीकार लिया बदलाव,अपनी चाल-ढालरहन-सहन खानपान में,मैंने स्वीकार लिया बदलाव अपने जीवन में।उसने कहा कुछ नहीं,बस देखा नज़रें भरकर औरनज़रों के दायरे में,मैंने समझ लीअपनी सीमा रेखा जिंदगी की॥ परिचय-डॉ.सोना सिंह का बसेरा मध्यप्रदेश के इंदौर में हैL संप्रति से आप देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इन्दौर के पत्रकारिता एवं … Read more

कोरोना के रंग-ढंग

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)************************************************** ‘कोरोना’ की मार से मच गया हाहा-कार,हर गली बाजार है,हर मकान दुकानदार।खरीददार कौन है पता नहीं,हर और है सामान का अम्बार।जीने का पता नहीं,मरने की गिनती लग रही हर बार।टीका लगाकर टिकट की जुगाड़,जब बारी आई टीके की तो जोड़ लिए कर।रोजी-रोटी का पता नहीं,दवा-दारू बेच रही सरकार॥ परिचय-डॉ.सोना सिंह का बसेरा मध्यप्रदेश … Read more

काँटे बना दो मुझे…

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)************************************************** नहीं होना चाहती मैं हरसिंगार,रात को खिल जाओ और सुबह खिर जाओ।नहीं होना चाहती हूँ मैं चम्पा,खुशबू से लिपटे रहे काले भुजंग मेरे आस-पास।नहीं होना चाहती जूही की कली,महक से करुँ दीवाना पर नजाकत जीने ना देlनहीं होना चाहती गुलाब जासवंत,हर कोई ललचाए और तोड़कर अपने पास रखना चाहेlनहीं होना चाहती गेंदा और … Read more

स्वप्न और संघर्ष

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)********************************************************************* मेरे स्वप्नों और संघर्षों की कथा,जेठ की तप्त दुपहरी की दग्ध व्यथा।मेरी उपेक्षा और अपेक्षाओं का द्वेष,भादो के नीले आकाश में नहीं कोई बादल शेष।मेरे प्रेम और तड़प की दुहाई,सावन में आँसूओं ने एक बूंद भी न बचाई।मेरे अपनों और परायों की दुविधा,आषाढ़ी बादलों को नहीं खुले आकाश की सुविधा।मेरी आत्मा और परमात्मा … Read more

बिखरी-सिमटी दुनिया

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)********************************************************************* बिल्डिंग के नीचे सन्नाटा पसरा है,क्योंकि..चौकीदार की औरत,गई है संक्रांत मनाने मायके।सब चीजें,बोरी,दरी,बर्तन-भांडे,रखे हैं जगह के जगह।कहीं कोई आवाज नहीं है,ना ही हो रहा कोई शोरक्योंकि चौकीदार की औरत,नहीं है घर में,गई है मायके।लगती है बिखरी हुई दुनिया,औरत की घर के अंदरलेकिन बाहर वह,रहती है सिमटी हुईखुद को घेरे में,समेट कर रखती हुई।आदमी … Read more

धुआँकश

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)********************************************************************* धुआँकश एक कमरा थाजिसमें एक माड़ी थी,लकड़ी के बने मचान की तरह।कमरे में था एक बिस्तर जो थाबिल्कुल उदास,ग्रे और सुस्त-सा अखबार की तरह।फिर कुछ सालों में एक घर बना,जिसमें थे कुछ कमरे…फिर से कमरे में था एक ही बिस्तर,यह बिस्तर था उजला,पीला,सफेद।दोनों जगह बनी थी किसी दुआ की तरह,दोनों ने चुनी थी … Read more

माँ की तस्वीर

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. आँगन बुहारती रंगोली सजाती, खाना बनाती, माँ,बस यही कुछ करती है। सिलाई करती,कपड़े धोती, घर के हर ताने-बाने को बुन देती है। माँ,बस यही कुछ करती है… स्कूल जाती,पढ़ाई करती, पिता की भूमिका में भी समा जाती है। माँ,बस यही कुछ करती है… नैतिकता-चरित्र की … Read more

जरूरी हो गए

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* यह वह दौर है मित्रों… जिसमें साथ रहने की करते थे आरजू बार-बार, मिला जब मौका तो तुम्हारे हमारे हो गए। यह वह दौर है मित्रों… जिसमें खाते थे जीने-मरने की कसमें कभी, वह आँख की किरकिरी हो गए। यह वह दौर है मित्रों… जिसमें तुम तुम्हारे,हम हमारे हो गए, हाथ … Read more

खैर खबर

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* सर्व-धर्म समभाव की बात करते थे, एक-दूजे को गले लगाते थे हम मानव हैं, मानव को पूजते थे। नजर लग गई शत्रुओं की हमारी एकता पर, हम अति मानव अमानक हो गए। ‘सामाजिक दूरी’ का जाल बुन दिया, ‘कोरोना’ की साजिश रच कर पड़ोसी ने हमें हमारी दीवारों में चुन दिया। … Read more

आखिरी साँस

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* प्रवासी मजदूरों को समर्पित…………. घर से चले थे उजड़ कर जब हम… शहरों में बस्तियां बसा ली दोस्तों। हमने कुछ बल्लियों,ईंटों,चद्दर से… झोपड़ियां सजा ली दोस्तों। हर दीवार के परे से आती रही आवाज… दिन-रात कोई कानाफूसी नहीं थी दोस्तों। बैंगन,आलू या दाल…. सबकी खबर लग जाती थी दोस्तों। आधा गिलास … Read more