महान ग्रंथ

सुकमोती चौहान ‘रुचि’महासमुन्द (छत्तीसगढ़)*********************************************************************** दो महान है ग्रंथ,महाभारत-रामायण।जिसकी कथा महान,प्रतिष्ठित मान परायण।पुरुषोत्तम थे एक,सूर्यवंशी श्री राघव।लीलाधर थे एक,श्याम नटखट श्री माधव।इससे तो रसमय है नहीं,जग में कोई भी कथा।समा गई इस संसार की,इनमें ही सारी व्यथा। परिचय–श्रीमती सुकमोती चौहान का साहित्यिक नाम ‘रुचि’ है। जन्मतारीख-५ नवम्बर १९८२ एवं जन्म स्थान-भौरादादर है। वर्तमान में आपका बसेरा … Read more

शिक्षक कौन है ?

सुकमोती चौहान ‘रुचि’ महासमुन्द (छत्तीसगढ़) ********************************************************************************** शिक्षक कौन है ? जो समाज निर्माता है, वह शिक्षक है। जो बच्चों का भाग्य विधाता है, वह शिक्षक है। उनके कच्चे मस्तिष्क को, जो परिपक्व बनाता है… वह शिक्षक है। उनके बे-रंग जीवन में, जो रंग भरता है… वह शिक्षक है। जो संस्कार की नीर से, सभ्यता गढ़ता … Read more

महानायक श्रीकृष्ण

सुकमोती चौहान ‘रुचि’ महासमुन्द (छत्तीसगढ़) ********************************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. चंद्र मुख स्याह गात,तिलक सोहै ललाट, शीश धरे मोर पंख,घुँघराले बाल हैं। वंशी की मधुर धुन,सभी मुग्ध होते सुन, जड़ हो उठे चेतन,वंशी के कमाल हैं। तुम हो आदर्श मित्र,आदर्श प्रेमी व पुत्र, भक्त के हो भगवान,पापियों के काल हैं। जिस रूप को जो पूजे,उस … Read more

शुभकामनाएं

सुकमोती चौहान ‘रुचि’ महासमुन्द (छत्तीसगढ़) ********************************************************************************** अलौकिक ज्योति से, कारागृह जगमगाने लगा, दिव्य पुष्पों की सुगंध, चारों ओर महकाने लगा। जन्म लिए श्रीकृष्ण,दूर होने लगी बाधाएं, देवकी-वासुदेव को हार्दिक शुभकामनाएं। लाल को लेकर वासुदेव चले, जमुना जी चरन पखारे। गोकुल में छाई खुशियाँ, कृष्ण,यशोदा घर पधारे। मंगल बधाइयाँ गाते,देने लगे सब दुआएं। यशोदा नंदबाबा को … Read more

मतदान

सुकमोती चौहान ‘रुचि’ महासमुन्द (छत्तीसगढ़) ********************************************************************************** जनता मेरे देश की,करे सभी मतदान। जागेंं निज हित के लिए,हक अपना पहचान हक अपना पहचान,राष्ट्र समृद्ध बुनिए जी। सबसे यही अपील,योग्य नेता चुनिए जी। कहती ‘रुचि’ करजोर,समय में ही फल पकता। लोकतंत्र की नींव,प्रगति अब चाहे जनता। परिचय-श्रीमती सुकमोती चौहान का साहित्यिक नाम ‘रुचि’ है। जन्मतारीख-५ नवम्बर १९८२ … Read more