बैंगनी फूलों वाला पेड़

डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** चाणक्यपुरी वाला हमारा सरकारी बंगला,जहां दिल्ली,दिल्ली है ऐसा कम ही लगता। साफ-सुथरा वीआईपी एरिया। इतनी हरियाली दिल्ली के किसी और इलाके में शायद ही देखने को…

Comments Off on बैंगनी फूलों वाला पेड़

उत्तराधिकारी

डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** ''मरने के बाद कितना निर्विकार लगता है चेहरा ?'' ''एकदम निर्मल पानी की तरह स्वच्छ। लगता है बस अभी उठेंगे और आवाज लगाएंगे-समर...l'' जिज्जी की निर्मल…

Comments Off on उत्तराधिकारी

माँ की सीख..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** चाहे पथ पर बाधाओं के, शैल-शिखर से उठते हों। चाहे पग पर पराभवों के, शूल नुकीले चुभते हों॥ मैं साहस के जुगनू लेकर, पथ पर…

Comments Off on माँ की सीख..

बन्द मुट्ठी

डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** आज सुबह से ही सामने वाला दरवाजा नहीं खुला था। अखबार बाहर ही पड़ा था। 'कहीं चाची?..नहीं,नहीं,मैं बुदबुदा उठती हूँ। एक अनजानी आशंका से मन सिहर…

Comments Off on बन्द मुट्ठी

मियामी-एक खूबसूरत अनुभव

डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** "दो भव्य इमारतों के बीच में सूर्य देवता अपनी आभा बिखेरते चले आ रहे थेl" इस बार हमारी यात्रा न्यूजर्सी से फ्लोरिडा के लिए बेटी पल्लवी…

Comments Off on मियामी-एक खूबसूरत अनुभव

कथाकार सुमन ओबेराय के नाटक संग्रह ‘यह भी खूब रही’ का विमोचन किया वरिष्ठ साहित्यकार राजेश जोशी ने

विशेष अतिथि कथाकार डॉ.स्वाति तिवारी ने कहा-नाटक,लोक चेतना के सबसे निकट   भोपाल(मध्यप्रदेश) | सुप्रसिद्ध कथाकार-नाटककार सुमन ओबरॉय के हास्य व्यंग्य नाटक संग्रह 'यह भी खूब रही' का विमोचन यहां…

Comments Off on कथाकार सुमन ओबेराय के नाटक संग्रह ‘यह भी खूब रही’ का विमोचन किया वरिष्ठ साहित्यकार राजेश जोशी ने

आशा और आँसू के द्वीप

  डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** किताबों में पढ़ा था,दुनिया के पर्यटन नक़्शे में जिसे कई बार देखा था उसे खुली आँखों से कभी देखूँगी नहीं सोचा था पर समय के…

1 Comment