विशेष अतिथि कथाकार डॉ.स्वाति तिवारी ने कहा-नाटक,लोक चेतना के सबसे निकट
भोपाल(मध्यप्रदेश) |
सुप्रसिद्ध कथाकार-नाटककार सुमन ओबरॉय के हास्य व्यंग्य नाटक संग्रह ‘यह भी खूब रही’ का विमोचन यहां देश के जाने माने कवि और वरिष्ठ साहित्यकार राजेश जोशी एवं मुकेश वर्मा ने किया। पंडित रामानंद तिवारी स्मृति सेवा समिति परम्परा
द्वारा आयोजित इस समारोह की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कथाकार डॉ.स्वाति तिवारी थी।
समारोह में इस अवसर पर राजेश जोशी ने कहा कि जीवन में हर घटना एक नाटक है,यह सदा चलता रहता हैl यह एक ऐसी विधा है जो कभी ख़त्म नहीं होती। समारोह में लेखिका सुमन ओबेरॉय ने अपनी बात के माध्यम से अपनी रचना प्रक्रिया और पुस्तक की भूमिका रखते हुए कहा कि यह साहित्य की एक जटिल विधा है,जिसमें कई बातों का ध्यान रखना होता हैl उन्होंने अपने बहुचर्चित नाटक नरक की यात्रा
का पाठ भी कियाl
मुख्य अतिथि मुकेश वर्मा ने कहा कि नाटक लिखना सबसे मुश्किल विधा हैl इसके लिए एकसाथ कई विधाओं को साधना होता है। सुमन जी ने सभी दृष्टि से नाट्य विधा को साधते हुए ये रचना लिखी है। उनकी भाषा की,संवाद की सहजता इन नाटकों को संप्रेषणीयता प्रदान करती हैl विशेष अतिथि कथाकार डॉ.स्वाति तिवारी ने कहा कि नाटकों का प्रत्यक्ष प्रयोजन मनोरंजन होता है,किन्तु सार्थकता सामाजिक सन्देश होती है।नाटक एक ऐसी विधा है,जिसमें सर्वाधिक रसानुभूति होती है इसलिए यह लोक चेतना के सबसे निकट है। इसका मूल तत्व अनुकरण भी होता है जो सामाजिक सरोकारों को प्रभावित करने की अदभुत क्षमता रखता हैl कवि राजेश जोशी ने कहा कि नाटक के माध्यम से साहित्यकार अपने लेखन से पूरे समाज को एक नई दिशा देने का काम करता है। नाटक एक ऐसी जादुई कला है,जो सदियों से रिझाती आई हैl एक नन्हा बच्चा भी जब दूध के लिए रोता है,जिद करता है तो अनजाने में भी वह एक नाटक की कर रहा होता हैl यह सदा चलती रहनेवाली विधा है,इसलिए नाटक को कोई खतरा नहीं है। यह कभी ख़त्म नहीं होगा।
कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों द्वारा पंडित रामानंद तिवारी को स्मरण करते हुए माल्यार्पण किया गयाl अतिथियों का स्वागत साहित्यकार महेश सक्सेना,युगेश शर्मा,सुश्री जया आर्य,कोमलसिंह सोलंकी द्वारा किया गयाl इस अवसर पर वरिष्ठ रचनाकार धनश्याम सक्सेना एवं नाटककार श्री बुलानी ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार,नाटककार,साहित्यप्रेमी उपस्थित थेl संचालन घनश्याम मैथिल ने कियाl आभार प्रदर्शन परम्परा
परिवार की और से डॉ.तिवारी ने प्रकट कियाl