बंधन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************************* कैसे बंधन हैं यही,कैसे कैसे जाल।बाँधे कोई प्रेम से,नफरत कोई पाल॥ इक हो बंधन क्रोध पे,गुस्सा खाये आप।जले क्रोध करते समय, खुद पर कर ना पाप॥ निज मन की सुनते सभी,सबकी सुनते संत।साधु शब्द जाने नहीं,फिरते बने महंत॥ बनो संत कर दिल बड़े,मधुवाणी गल घन्त।दाढ़ी कितनो बढ़ लियो,दु:ख की होत न अंत॥ बाँधो … Read more

ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे हैं, हम सरीख़े भी बेसहारे हैं। मिले मुक़म्मल जहाँ तलाश ये, है आरज़ू कि फिरते मारे हैं। न आब है तलाश दाने की, ये आदमी तो बेसहारा है। ज़ख्म सिले न ख़रोंच देता जो, कहें भी कैसे वो हमारा है। ज़ुनून ले कर चला है,नज़र फ़लक … Read more

शिक्षा बनी व्यवसाय

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** मन व्यथित है,आज बड़ी असहनीय वेदना हो रही है आज की इस गर्त में जा रही आधुनिक शिक्षा व्यवस्था को देखकरl आज शिक्षा को सिर्फ पैसों से तौला जा रहा हैl मतलब यहाँ तक शिक्षा की दयनीयता देखने को मिल रही है कि,जैसे बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान सिर्फ पैसों के लिये … Read more

सबला

अविनाश तिवारी ‘अवि’ अमोरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************************ युगों-युगों से सहते आये नारी की व्यथा करुणा है, अबला नहीं अब सबला है,ये दुर्गा लक्ष्मी वरुणा है। द्रौपदी आज बीच सभा चीत्कार रही, कितनी सारी निर्भया खून के आँसू बहा रही। चीरहरण अब रोज होता कृष्ण नहीं अब आते हैं, छोटे-छोटे मासूम भी हवस की भेंट चढ़ जाते हैं। … Read more