हिंदी में जब बोलते हैं हम

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** 'विश्व हिंदी दिवस' विशेष.... लगता है मधु घोलते हैं हम,हिंदी में जब बोलते हैं हमवृहद अतुलनीय शब्द भंडार,अन्यय भाषा तौलते हैं हम। हिंदी भारती संस्कृति जोड़े,न कोई…

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थम यायावर मन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आज फिर मन छोड़ द्रुतगामी घोड़ा पास पैदल निकल गया,आज फिर जमे तहेदिल खुशियों का धधकता लावा पिघल गया। आज फिर सुबह की किरण मुझसे लिपट-लिपट कुछ कहने…

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ईश्वर कण-कण में

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. वे रश्मि वर्षा करते हैं,धन आंनद का भरते हैंभर आस्था प्यार पुकारे,पास खड़े श्याम हमारे। क्षिति पावक गगन समीरा,व्यापित दस दिशि थल…

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आशियाँ

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जब सुवर्णी भोर आती है,बादल झुंड कहीं छुप जाता हैजब भी नीरव पवन गाती है,और जब बारिश नहीं भाती हैतब भी अच्छे लगते हैं मुझे,मेरे घर अब गौरैया…

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कोटि उपाय करें

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रेम भरे मन या जन को रखयाद अनादर ना कर रोना।आदर दे धन देख कभी घटियाजन के पग ना पड़ धोना।कोटि उपाय करें अपराध न होहमसे कर बेसुध…

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मेघ तड़पाते मुझे

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** अपलक निहारूँ साजना मैं मोहिनी सूरत मगन,तेरी नजर मुझ पर पड़े मुखड़े छुपा देखूं सपन। कर साज कंगन मेंहदी श्रृंगार सब तेरे लिये,मैं लाज भारी पलक ढक हिय…

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बहला जाते हो

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** बोझिल दिन बहला जाते हो,नूर अजब नहला जाते हो। हम जब भी तन्हा होते हैं,तुम चुपके से आ जाते होनम बरसातों भून करारा,यादों को पकड़ा जाते हो। कानों…

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आ चल दूर से देखें दुनिया

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** चलो दिखाएं तुमको दुनिया,कितने रंग कितने बदरंग।बंध धागे उड़ान ऊपर तक,तुम उड़ना मेरे संग-संग। आओ तुम्हें मैं पँख लगा दूँ,मैं भी लगा कर फिरूं मलंग।नीलगगन में मिल मंडराए,देखे…

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जहाँ एहसास,वहाँ सावन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** झड़ी लगती नहीं तो क्या,कभी होगा नहीं सावन,खिजाँ हरदम कहाँ थमती,कभी तो आएगा सावन। छुआ शब्दों न पूछ ऐसा,लगे स्पर्श मुझे सावन,जहाँ एहसास भीगे मन,भरे पतझड़ वहाँ सावन।…

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अब के बरस…

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. बादल सौहार्द छाये,प्रेम वर्षा बरसाये।घृणा द्वेष धूल जाए,बरखा वो चाहिये।छतरी नेह ओढ़ के,भरोसे फूल तोड़ के।ईष्या कीच छोड़ के,भीगते भिगाईये। दया की छप-छपाक,बढ़े…

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