मानवता बचाएँ
वाणी वर्मा कर्णमोरंग(बिराट नगर)****************************** इस सुंदर पृथ्वी पर, एक मानव ही है जिसकी खोती जा रही पहचान, भूलता जा रहा अपना अस्तित्व। संपूर्ण जगत में, प्रत्येक प्राणी में उनका अपना स्वाभाविक गुण है, बस मानव ही ऐसा है जिसमे मानवता नहीं। केवल मस्तिष्क है, एक विकृत सोच है अमानवीय व्यवहार है, दोहरा चरित्र है भावनाएं … Read more