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किताब बना दूंगा

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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वक्त के हर सवाल का मैं ख़ुद को ज़वाब बना दूंगा,
कल कोई पूछे किया क्या तो मैं हिसाब बना दूंगा।

मेरी पहचान ख़ुद लिखूं,मेरीकाबिलियत दुनिया बताए,
कभी तो काँटों का दर्द सहन कर,मैं गुलाब बना दूंगा।

मेरी मंज़िल मुश्किलों की कठिन राह से भीे गुजरेगी,
कल के हालात जो बदल जाए,वो ख़्वाब बना दूंगा।

पहचान सके कोई मेरी गहराई कितनी है दुनिया में,
करीब आकर देख ले कभी जनसैलाब बना दूंगा।

कल के लिए ज़िंदगी मेरी एक खुली किताब होगी,
पढ़ ले ये दुनिया मुझको ख़ुद को वो किताब बना दूंगा॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैL वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैL यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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