बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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कभी न डिगना चाहिए,करना सतत् प्रयास।
सदा आत्म विश्वास से,पूरी होगी आस॥
बढ़ना निज कर्तव्य पर,करके दृढ़ विश्वास।
तभी सफलता आपकी,आएगी घर पास॥
मन में नयी उमंग हो,होंठों पर मुस्कान।
सदा आत्म विश्वास से,कठिन कार्य आसान॥
निज हित को पहचानिए,धीरज मन में धार।
करो काम ईमान से,मुट्ठी में संसार॥
दुर्गम पर्वत कुछ नहीं,जब हो दृढ़ विश्वास।
सब कुछ इनमें हैं निहित,करो जरा अहसास॥