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योग का कमाल

अलका जैन
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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थी नहीं दवा उपलब्ध अतीत में,
फिर भी लम्बी उम्र जीने की तमन्ना बाकी
ऋषि-मुनियों ने चिंतन कर खोजा अदभुत तरीका,
शरीर को इतना मजबूत बनाओ लोगो
कि रोग कोई प्रवेश ना करें शरीर में लोगों,
प्रतिरोधक क्षमता बड़े इतनी कि रोग ना लगे।
सौ साल जीने की चाहत पूरी की मुनियों ने,
ऐसा नुस्खा निकाला मुनियों ने सब दंग
योग शिक्षा दी मुनियों ने तब दुनिया को,
सारा आधुनिक समाज माने लोहा मुनियों का
हर रोग का इलाज संभव आश्चर्य जहां।
एक और ‘योग दिवस’ पर राज की बात
सुनो भारतवासी,
बांझ महिला को भी योग से बच्चा हो सकता है जान लो तुम
योग से आज भी कमाल हो सकते हैं यारों,
मुनियों ने यूँ ही नहीं जिंदगी गंवाई दोस्त।
योग करो निरोगी बनो हींग लगे न फिटकरी,
रंग भी आते सतरंगी यार
योग करो,योग करो ‘कोरोना’ से बचते
पूर्ण रूप से ना सही,एक हद तक तो बचाते।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़े महामारी में,
योग की बहती गंगा में हाथ धो लो॥

परिचय-अलका जैन का निवास इंदौर(मध्यप्रदेश) में हैl इनकी जन्म तिथि ८ अक्तूबर १९५७ और जन्म स्थान धार(मप्र) हैl स्थाई रूप से शहर इंदौर में सी बसी हुई अलका जैन का कार्यक्षेत्र भी इंदौर ही हैl आप सामाजिक गतिविधियों के अन्तरगत विधवा विवाह करवाने,हास्य-कवि सम्मेलन,नृत्य कला आदि में सक्रिय रहती हैंl आप काव्य सहित विभिन्न विधाओं में लेखन करती हैंl १९८० से सतत लिखने में सक्रिय अलका जैन को हिन्दी भाषा का ज्ञान हैl प्रकाशन में उपन्यास-पामेला है तो रचनाओं का प्रकाशन लेख,ग़ज़ल,गीत,कहानी आदि के रूप में पत्र पत्रिकाओं में हुआ हैl इनके खाते में सम्मान के रूप में श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति(हैदराबाद) से मान सहित मालवा रत्न, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड और विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मान आदि हैl इनकी विशेष उपलब्धि हास्य का पुरस्कार मिलना हैl लेखनी का उद्देश्य-समय का सदुपयोग करना हैl प्रेरणा -कबीर दास जी हैंl रूचि नृत्य,सत्संग,फैशन,मुशायरे में शिरकत और लेखन हैl

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