कुल पृष्ठ दर्शन : 580

You are currently viewing आई दिवाली

आई दिवाली

अरुण वि.देशपांडे
पुणे(महाराष्ट्र)
**************************************

रोशनी से जिंदगी….

आई दिवाली आई,
जगमगाती रोशनी
चारों ओर है फैलाई,
आई दिवाली आई।

अंधेरा दूर करनेवाली,
प्रकाशमयी है दिवाली
हर्ष-उल्लास घर-घर में,
ले के आई है दिवाली।

खूब सारी मिठाई घर में,
बनाई मम्मी और दीदी ने
खिलौने लाए नाना-नानी ने,
मजा लिया मिलकर सबने।

अनार रंगीन, रॉकेट उड़े,
ध्यान रहे हमें इस बात का।
आवाज करने वाले पटाखे,
हम बिलकुल ही ना फोड़ें॥

परिचय-हिंदी लेखन से जुड़े अरुण वि.देशपांडे मराठी लेखक,कवि,बाल साहित्यकार व समीक्षक के तौर पर जाने जाते हैं। जन्म ८ अगस्त १९५१ का है। आपका निवास पुणे के बावधन (महाराष्ट्र) में है। इनकी साहित्य यात्रा प्रिंट में १९८३ से व अंतरजाल मीडिया में २०११ से सक्रियता से जारी है। श्री देशपांडे की लेखन भाषा-मराठी,हिंदी व इंग्लिश है। आपके खाते में प्रकाशित साहित्य संख्या ७२(प्रकाशित पुस्तक,ई-पुस्तक)है। आपके हिंदी लेख, बालकथा,कविता आदि नियमित रूप से अनेक पत्र-पत्रिका में प्रकाशित होते हैं। सक्रियता के चलते अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रतियोगिता में आपके लेख और कविता को ‘सर्वश्रेष्ठ रचना’ से सम्मानित किया गया है तो काव्य लेखन उपक्रम में भी अनेक रचनाओं को ‘सर्वश्रेष्ठ’ सन्मान प्राप्त हुआ है। आप कृष्ण कलम मंच के आजीवन सभासद हैं। हिंदी लेखन में सक्रिय अरुण जी की प्रकाशित पुस्तकों में-दूर क्षितिज तक(२०१६)प्रमुख है। इसके अलावा विश्व साझा काव्य संग्रह में २ हिंदी बाल कविता(२०२१) प्रकाशित है। शीघ्र ही ‘जीवन सरिता मेरी कविता'(१११ कविता,पहला हिंदी काव्य संग्रह)आने वाला है। फेसबुक पर भी कई हिंदी समूह में साहित्य सहभागिता जारी है।

Leave a Reply