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जय बजरंगबली

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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राम भक्त हनुमान की, महिमा अपरम्पार।
बोलो रे भक्तों सभी, मिलकर जय जयकार॥

माता प्यारी अंजनी, पवन देव के लाल।
अद्भुत बालक वीर है, जो दानव के काल॥

संकट मोचन नाम है, संकट करते दूर।
करते उसे प्रणाम जो, पाते फल भरपूर॥

जो जन मन से ध्यात है, बनते उसके काम।
रक्षा करते हैं वही, सुमिर सुबह औ शाम॥

राम सिया के दास है, लक्ष्मण भरत समान।
रूद्र रूप अवतार है, ज्ञान वान बलवान॥

राम काज करते सदा, रखना मेरी लाज।
बुद्धि ज्ञान दाता तुम्हीं, करना पूरण काज॥

परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।

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