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इंसान की,हाँ यही पहचान है

गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’
बारां (राजस्थान)
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इंसान की,हॉं यही पहचान है,
हर हाल में,अगर वह इंसान है
सुख-दुःख तो,जीवन की कसौटी है,
हर दौर में जिंदा,अगर ईमान है।

दौलत को पाकर,नहीं भूले जमीं को,
दूसरों से पहले,देखें अपनी कमी को
सबका सम्मान करें,वह सच्चे मन से,
उसके दिल में,अगर नहीं अभिमान हो।

नहीं भटके कभी वह,अपनी राह में,
दर्द नहीं दे किसी को,अपनी चाह में
आ जाए कभी भी,मुसीबत कोई,
फिर भी नहीं,अगर वह शैतान हो।

उसको प्यार हो,अपने चमन-जहान से,
दिल में रखें नहीं फर्क,किसी इंसान से।
अपने फर्ज और वतन पर,कुर्बान हो,
दिल में बसी,अगर गीता-कुरान हो॥

परिचय- गुरुदीन वर्मा का उपनाम जी आज़ाद है। सरकारी शिक्षक श्री वर्मा राजस्थान के सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा स्थित विद्यालय में पदस्थ हैं। स्थाई पता जिला-बारां (राजस्थान) है। आपकी शिक्षा स्नातक(बीए)व प्रशिक्षण (एसटीसी) है।इनकी रूचि शिक्षण,लेखन,संगीत व भ्रमण में है। साहित्यिक गतिविधि में सक्रिय जी आजाद अनेक साहित्य पटल पर ऑनलाइन काव्य पाठ कर चुके हैं तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी मुहब्बत’ साहित्य खाते में है तो कुछ पुस्तक प्रकाशन में हैं।

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