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उलझन हो तो…

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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कभी अगर उलझन मन में हो,
युक्ति से सुलझाओ
मन बेचैन अगर हो अतिशय,
उसको शान्त कराओ।

कोई नई परीक्षा आए,
जीवन रुक-रुक जाए
साहस से तुम करो सामना,
निर्मल पथ बन जाए।

विचलित मन यदि बहुत अधिक,
तो गुरु समीप तुम जाओ
अंतःकरण में गुरु विराजें,
मन की बात बताओ।

सच्ची राह बताते गुरुवर,
अनुभव निज साझा करते
सही राह दिखला कर वे तो,
उलझन को सुलझा देते।

जीवन पल-पल घटता जाता,
समय न व्यर्थ गँवाओ।
काम सदा तुम करो सार्थक,
जीवन पथ पर बढ़ जाओ॥