गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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सभी आम, साधारण, छोटे शेयरधारक (विशेषकर वरिष्ठ शेयरधारक) अपने शेयर डीमेट कराना चाहते हैं, लेकिन वे ऐसा चाहकर भी अपनी समस्याओं के अलावा सरकार द्वारा बुनियादी समस्याओं पर समुचित ध्यान न देने के चलते नहीं कर पा रहे हैं। जिन बुनियादी समस्याओं पर राहत और ध्यान देने का आग्रह उपरोक्त श्रेणी वाले शेयर निवेशक करते हैं, उनमें ३ मुख्य समस्याओं को बिना किसी विलंब से उचित समाधान-हल करना चाहिए।
कारपोरेट कार्य मन्त्रालय (एमसीए) के साथ ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की वेब में सभी कम्पनियों का नाम होना चाहिए। यानि जिस नाम से सबसे पहले कम्पनी सूचीबद्ध हुई या उसे रकम उगाने की अनुमति मिली, उसी से हो। फिर उसमेंं हर प्रकार के बदलाव का भी पूरा-पूरा उल्लेख हो, ताकि निवेशक बिना ज्यादा दिक्कत के जिस तरह भी ढूंढे, उसे सही जानकारी मिल जाए। ऐसी काफी कम्पनियाँ हैं, जो शेयर बाजार अर्थात स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होकर असूचीबद्ध हो गई हैं, जिसके चलते शेयरधारक परेशानी झेल रहे हैं। इसका निवारण मन्त्रालय को करना चाहिए, अन्यथा छोटे वरिष्ठ शेयरधारक इस तरह की परेशानियों से उबर ही नहीं पाएंगे।
ऐसे ही बहुत से शेयर केवल सीडीएसएल पर ही डीमेट हो सकते हैं। उसी प्रकार कुछ ऐसे भी होते हैं, जो केवल एनएसडीएल पर ही डीमेट हो सकते हैं। आवश्यक डीमेट के चलते सभी शेयर निवेशकों का किसी एक डिपाजिटरी में तो खाता होना अनिवार्य है, जो होता भी है। इसलिए छोटे कम मूल्य वाले शेयरों को अतिरिक्त सालाना खर्चे के चलते डीमेट करवाना बुद्धिमत्ता नहीं है। हालांकि, सेबी ने एक बेसिक सर्विसेज डीमेट खाता की सुविधा चालू कर रखी है, लेकिन उदाहरण के तौर पर यदि किसी का एनएसडीएल में डीमेट खाता है, तब सीडीएसएल में बेसिक सर्विसेज डीमेट खाता खुल नहीं सकता। इस कारण से जो शेयर केवल सीडीएसएल पर ही डीमेट हो पाएंगे, वहां यह नियम कम मूल्य वाले शेयरों को डीमेट करवाने में बाधक है। इस नियम में भी संशोधन अतिआवश्यक है, ताकि एनएसडीएल में डीमेट खाता है तो भी सीडीएसएल में बेसिक सर्विसेज डीमेट खाता खुल जाए।
चूंकि, सरकार ने पैन वगैरह लिंक न होने पर शेयरों को आईपीएफ में अंतरण की चेतावनी जारी कर रखी है, जबकि लाभांश २ साल तक का बकाया रह जाने पर लाभांश के साथ साथ शेयर आईपीएफ में अंतरण करना चालू कर रखा है। इन दोनों बिन्दुओं पर निवेशक चाहते हुए भी लाचार हैं। सरकार से यही निवेदन कि, सभी निवेशकों से आग्रह कर भौतिक शेयर जमा कराकर बदले में उन्हें म्यूचूअल फंड की तरह होल्डिंग पत्र जारी कर दे, और होल्डिंग पत्र के अन्त में डीमेट में जमा देने हेतु सुविधा हो, जिसे आवश्यकता पड़ने पर हस्ताक्षर कर डीमेट करवाया जा सके। इस प्रक्रिया से बहुत ज्यादा संख्या में भौतिक शेयर वापस हो जाएंगे व पैन वगैरह की सारी जानकारी भी सरकार के पास आ जाएगी।