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वार्षिकोत्सव संग २ पुस्तक लोकार्पित

हैदराबाद (तेलंगाना)।

कार्यकारिणी की बैठक के साथ केंद्रीय हिन्दी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) तेलंगाना इकाई का वार्षिकोत्सव हुआ। इस अवसर पर डॉ. रवींद्र शुक्ल (अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दी साहित्य भारती) मुख्य अतिथि रहे।
संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रो. ऋषभ देव शर्मा (सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा), विशेष अतिथि डॉ. अहिल्या मिश्रा (वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी, हैदराबाद), आत्मीय अतिथि श्यामसुंदर मूंदड़ा (उपाध्यक्ष, हिन्दी महाविद्यालय), अतिथि डॉ. माणिक्यांबा मणि (साहित्यकार), होमनिधि शर्मा (उप महाप्रबंधक एचआर ओएल, भारत डायनामिक्स लि.), डॉ. सुरभि दत्त (राज्य प्रभारी), अध्यक्ष ले. कर्नल दीपक दीक्षित सेनि.) तथा महामंत्री डॉ. राजीव सिंह मंचासीन रहे।
आरम्भ डॉ. ऋतु भसीन द्वारा गाई सरस्वती वंदना के साथ हुआ।प्रथम सत्र में मंचासीन गणमान्यों का परिचय डॉ. कामेश्वरी द्वारा दिया गया। तेलंगाना भारती की ओर से समस्त अतिथिगण का अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात अध्यक्ष डॉ. शुक्ल को ‘राष्ट्रवाणी’ उपाधि से सम्मानित किया गया।
डॉ. राजीव सिंह, डॉ. दत्त एवं ले. दीक्षित के सम्पादन में तेलंगाना भारती की पुस्तक (काव्य-संग्रह) ‘शब्द नहीं मुरझाते’ का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर तेलंगाना इकाई एवं संस्थान ने पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई, जिसका छात्रों और शिक्षकों ने लाभ उठाया।
व्याख्यान सत्र में डॉ. शर्मा ने भारत और राष्ट्र बोध, भाषा, संस्कृति एवं साहित्य जैसे गंभीर विषय पर कहा कि, शब्द चिरंजीवी हैं। मुख्य वक्ता डॉ. शुक्ल ने कहा कि, हमें अपनी महान संस्कृति का परचम विश्व में फहराना होगा। ले. दीक्षित के उपन्यास ‘चक्रव्यूह’ का भी लोकार्पण हुआ।
अंतिम सत्र में हुई काव्य गोष्ठी का शिल्पी भटनागर ने अनूठी शैली में संचालन किया।
सत्र संचालन डॉ. कामेश्वरी ने किया। सुहास भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।