डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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सोनू का गाँव था सदैव पानी शून्य,
सोनू ने दिल से की प्रार्थना सम्पूर्ण।
ईश्वर आए और दुःख को जानें,
सोनू से सुन सब-कुछ पहचानें।
पानी की बात पर बड़ी थी चिंता,
पापा का दुःख, नहीं थी प्रसन्नता।
रामू के मन में यह दुःख जो आया,
ईश्वर तब ख़ुद प्रकट कर आया।
खुश हो रामू को दिया जादुई छाता,
रामू को मिला यहां एक सुन्दर दाता।
पानी बरसाने के ईश्वर ने गुण बताए,
कमजोर करने के गुण यहां सिखाए।
सुखी धरती थी, गीली धरती थी,
रामू को मिली ईश्वर अनुभूति थी।
गाँव-गाँव में जाकर रामू ने जादुई,
छाता काम सबको खूब प्यार दिखाया।
आसपास संग मौसी के घर जाकर,
जादुई छाते का सबको गुण बताया।
पानी से निजात दिलाने गाँव-गाँव में,
सबको यह गूढ रहस्य बताया।
बाढ़-विभीषिका के बड़े रोग से,
सबको इस दुःख से खूब बचाया।
मौसी के गाँव में भी जाकर,
तकलीफ़ को जादुई छाते से रूकवाया।
रामू का गाँव हुआ खुशहाल,
रामू का था यह जादुई कमाल।
रामू आज़ है सबका प्यारा,
पूरी बस्ती का बना दुलारा।
गाँव-गाँव में दिखी रामू की कसरत,
सबके मन में छाई यह उत्तम नेमत।
जादुई छाते को मिला सबसे खूब प्यार,
रामू की गाँव में हो रही खूब जयकार॥
परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।