विमोचन…
लातूर (महाराष्ट्र)।
लेखक नयन के कहानियाँ सामान्य मनुष्य पर लिखी गई है। कहानी संग्रह में शब्द और सत्य बड़े ही सुंदर भाव से एकत्रित किए गए हैं, जिसमें समाज की समस्याओं और कलाकार के दर्द को प्रस्तुत किया गया है। लेखक की कहानियाँ बोलती है। यह हमारे बेजुबान लोगों की भी आवाज है।
यह विचार प्रमुख अतिथि सतीश यादव ने व्यक्त किए। यह अवसर रहा जय क्रांति महाविद्यालय (लातूर) में डॉ. नयन भादुले राजमाने की पुस्तक ‘ऐसा भी क्या हो सकता है’ (कहानी संग्रह) के विमोचन का। श्री यादव एवं प्राचार्य डॉ. नागोराव कुंभार द्वारा यह लोकार्पित किया गया। डॉ. सूर्य नारायण रणसुभे ने अध्यक्षता की। डॉ. पल्लवी पाटिल ने पुस्तक का परिचय दिया। संयोजक के रूप में डॉ. हनुमंत पवार, डॉ. वसुंधरा गुडे, राजीव विभुते, डॉ. अमोल इंगले व डॉ. संतोष कुलकर्णी मंच पर आसीन रहे।श्री रणसुभे ने कहा कि नयन की हिम्मत की दाद देता हूँ, क्योंकि इनकी पहली कहानी में यथार्थ और सुंदर भावों को संजोया गया है। प्रधान संयोजक के रूप में जाने-माने शायर सुरेश गिर सागर लतूरी के अलावा शहर के जाने- माने साहित्यकार एवं श्रोतागण उपस्थित रहे।