सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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नील गगन में रहने वाले,
लीला तेरी महान
समझ न पाए ज्ञानी-ध्यानी,
क्या समझें धनवान।
नील गगन में रहने वाले,
नित नव दे आकार
क्या-क्या चित्र बनाए जग में,
अनुपम रचनाकार।
नील गगन में रहने वाले,
करूँ आपका ध्यान
करूँ सदा सत्कर्म प्रभु जी,
सबका कर सम्मान।
नील गगन में रहने वाले,
दुखियों की प्रभु सुनो पुकार।
करो कृपा सब रहें कुशल जन,
कभी न उपजे मनोविकार॥