अजय जैन ‘विकल्प
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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४ अगस्त मित्रता दिवस विशेष………..
अँधेरे हो या उजाले,खुशियों से निभाए रखना,
वक्त कैसा भी गुजरे,दोस्ती बनाए रखना।
तेरा-मेरा वजूद,भले मुखतलिफ तो हो तो,
आपके हाथ है,इसे एक दिल बनाए रखना।
और भी चलेंगे,हमसाए तो आपके साथ कई,
मर्जी आपकी कि,हमें परछाई बनाए रखना।
दोस्त तो कई मिलते हैं,जीवन के सफर में,
बस जो काबिल हो,उसे मंजिल बनाए रखना।
बदलता मौसम ही नाम है,जीवन का दूसरा,
हो पतझड़ के बहार,रिश्ते की बेल परवान चढ़ाए रखना॥