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नेकी कमाल रखना

ममता तिवारी ‘ममता’
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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रचनाशिल्प:२२१ २१२२ २२१ २१२२..

देखो कभी न मन में कोई मलाल रखना।
दिल प्यार से भरा हो नेकी कमाल रखना।

खामोश रह अभी तुम अखबार ढूंढ लेगा,
जब नेक सुर्खियां बोले तब बवाल रखना।

बंजर जमीं दिखे तो सावन बन झूम जाना,
प्यासे चले न बादल अपना सवाल रखना।

टकरा लगे न पत्थर आँखें न होते इसकी,
देना न चोट खाने दिल का खयाल रखना।

आंधी भरी फ़िजां हो या धूप-चाँदनी हो,
हर हाल दोस्त दिल तुम अपना जलाल रखना।

बन मौत को पहेली ‘ममता’ चलो अकेली,
जीना न खौफ में ठोकर में काल रखना।

गर जल रहा कही पे, दिल सादगी से तेरी,
मजबूत तब कदम से बेदाग चाल रखना॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।

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